करण फल
बव में जन्म का फल - जातक सम्मानीय , शुभ , धर्मात्मा और स्थिर कार्य को करने वाला होता हैं.
बालव में जनम का फल - विद्या , अर्थ , सुख , राजमान्य और देव भक्त होता है.
कौलव में जनम का फल - मित्र लाभ , स्वाभिमान और प्रीती वाला होता है.
तैतिल में जनम का फल - धनी, स्नेही , भवन सुख मिलाता है.
गर में जन्म का फल - कृषि , घर के कार्य में तत्पर होता है.
वणिज में जन्म फल - व्यापर से लाभ ,दूर स्थानों से लाभ मिलता हैं .
विष्टि का जन्म का फल - अनुचित कर्म करने वाला , परस्त्री से लगाव होता है.
शकुनि में जन्म का फल - औषधि बनाने में निपुण , विवादों को निपटने में कुशल होता है .
चतुष्पद में जन्म का फल - भक्त व् दयालु , पशु का डॉक्टर होता हैं .
नाग में जनम का फल - प्रेमी , चंचल , बड़े नेत्र वाला , कठिन कार्य करने वाला होता हैं .
किन्स्तुघन में जन्म का फल - शुभ कार्य करने वाला ,तुष्टि , पुष्टि , मंगल व् अभीष्ट की प्राप्ति करने वाला होता हैं .
बव में जन्म का फल - जातक सम्मानीय , शुभ , धर्मात्मा और स्थिर कार्य को करने वाला होता हैं.
बालव में जनम का फल - विद्या , अर्थ , सुख , राजमान्य और देव भक्त होता है.
कौलव में जनम का फल - मित्र लाभ , स्वाभिमान और प्रीती वाला होता है.
तैतिल में जनम का फल - धनी, स्नेही , भवन सुख मिलाता है.
गर में जन्म का फल - कृषि , घर के कार्य में तत्पर होता है.
वणिज में जन्म फल - व्यापर से लाभ ,दूर स्थानों से लाभ मिलता हैं .
विष्टि का जन्म का फल - अनुचित कर्म करने वाला , परस्त्री से लगाव होता है.
शकुनि में जन्म का फल - औषधि बनाने में निपुण , विवादों को निपटने में कुशल होता है .
चतुष्पद में जन्म का फल - भक्त व् दयालु , पशु का डॉक्टर होता हैं .
नाग में जनम का फल - प्रेमी , चंचल , बड़े नेत्र वाला , कठिन कार्य करने वाला होता हैं .
किन्स्तुघन में जन्म का फल - शुभ कार्य करने वाला ,तुष्टि , पुष्टि , मंगल व् अभीष्ट की प्राप्ति करने वाला होता हैं .
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