सभी भक्त गणों से अनुरोध है कि यदि उनकी कुंडली में काल सर्प योग बन रहा है तो महा शिव रात्रि के दिन प्रातः अपने आप निम्न प्रकार से काल सर्प की शांति हेतु पूजा करनी है -
पहले एक मिटटी का छोटा घड़ा लेकर पूजा घर में रखे .उस के अन्दर लौंग ,इलाएची , सुपारी , पान , जौ रख दें
फिर उसमे जल भर कर ढ़क्कन लगा दे .उस में सरसों का दिया जला दें . उस घड़े के उपर आटे की लोई से सर्प का आकार बना केर उसका फन दिए पैर हो .
फिर आसन पैर बैठ कर पूजा करें . इस मंत्र को १०८ बार जाप करना है -
ॐ नमोस्तु सर्पेभ्यो में के च पृथवीमनु में अन्तरिक्षे ये दिवितेभय ः सर्पेभ्यो नमः
का १०८ बार जाप कर इस घड़े को बहती नदी में अगले दिन प्रवाहित कर दें.
पहले एक मिटटी का छोटा घड़ा लेकर पूजा घर में रखे .उस के अन्दर लौंग ,इलाएची , सुपारी , पान , जौ रख दें
फिर उसमे जल भर कर ढ़क्कन लगा दे .उस में सरसों का दिया जला दें . उस घड़े के उपर आटे की लोई से सर्प का आकार बना केर उसका फन दिए पैर हो .
फिर आसन पैर बैठ कर पूजा करें . इस मंत्र को १०८ बार जाप करना है -
ॐ नमोस्तु सर्पेभ्यो में के च पृथवीमनु में अन्तरिक्षे ये दिवितेभय ः सर्पेभ्यो नमः
का १०८ बार जाप कर इस घड़े को बहती नदी में अगले दिन प्रवाहित कर दें.
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