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Sunday, 10 March 2013

jai shivshanker


ॐ नमः  शिवाय


जटाटवी - गलज्जल - प्रवाह - पावितस्थले गलेवलंब्य - लंबितां- भुजंगतुंग - मालिकाम् ।
डमड्डमड्डमड्डम - न्निनाद - वड्डमर्वयं चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम्||

हर हर महादेव!!
नमः शिवाभ्याँ नव-यौवनाभ्याँ परस्पराश्लिष्ट-वपुर्धराभाम्
नगेन्द्रकन्या-वृषकेतनाभ्याँ नमो नमः शँकर-पार्वतीभ्याम्।।१।।
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उमा-महेश्वर-स्तोत्रम्
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नमः शिवाभ्याँ नव-यौवनाभ्याँ परस्पराश्लिष्ट-वपुर्धराभाम्
नगेन्द्रकन्या-वृषकेतनाभ्याँ नमो नमः शँकर-पार्वतीभ्याम्।।१।।

नमः शिवाभ्याँ सरसोत्सवाभ्याँ नमस्कृताभीष्ट-वरप्रदाभाम्
नारायणेनाsचिंत-पादुकाभ्याँ नमो नमः शँकर-पार्वतीभ्याम्।।२।।

नमः शिवाभ्याँ वृषवाहनाभ्याँ विरँचि-विष्ण्विअन्द्र-सुपूजिताभ्याम्
विभूतिपाटिर-विलेपनाभ्याँ नमो नमः शँकर-पार्वतीभ्याम्।।३।।

नमः शिवाभ्याँ जगदीश्वराभ्याँ जगत्पिताभ्याँ जय्-विग्रहाभ्याम्
जम्भारिमुख्यैरभिवन्दिताभ्याँ नमो नमः शँकर-पार्वतीभ्याम्।।४।।

नमः शिवाभ्याँ परमौषधाभ्याँ पँचाक्षरी-पँचर-रँजिताभ्याम्
प्रपँच्-सृष्टि-स्थिति-संहृतिभ्याँ नमो नमः शँकर-पार्वतीभ्याम्।।५।।

नमः शिवाभ्यामतिसुन्दराभ्यामत्यन्तमासक्त-हृदम्बुजाभ्याम्
अशेष-लौकिक-हितँकराभ्याँ नमो नमः शँकर-पार्वतीभ्याम्।।६।।

नमः शिवाभ्याँ कलिनाशनाभ्याँ कँकाल्-कल्याणवपुर्धराभ्याम्
कैलास-शैलस्थित-देवताभ्याँ नमो नमः शँकर-पार्वतीभ्याम्।।७।।

नमः शिवाभ्यामशुभापहाभ्षामशेष लोकेक-विशेषिताभ्याम्
अकुण्ठिताभ्याँ स्मृति-सम्भृताभ्याँ नमो नमः शँकर-पार्वतीभ्याम्।।८।।

नमः शिवाभ्याँ रथवाहनाभ्याँ रवीन्दु-वैश्वानर-लोचनाभ्याम्
शकाशशाँकभ-मुखाम्बुजाभ्याँ नमो नमः शँकर-पार्वतीभ्याम्।।९।।

नमः शिवाभ्याँ जटिलन्धराभ्याँ जरा-मृतिभ्याँ च विवर्जिताभ्याम्
जनार्दनाब्जोद्भव-पूजिताभ्याँ नमो नमः शँकर-पार्वतीभ्याम्।।१०।।

नमः शिवाभ्याँ विषमेक्षणाभ्याँ बिल्वच्छ-दामालिक-दामभृद्भयाम्
शोभावती-शान्तवतीश्वराभ्याँ नमो नमः शँकर-पार्वतीभ्याम्।।११।।

नमः शिवाभ्याँ पशुपालकाभ्याँ जगत्त्रयी-रक्षणबद्ध हृद्भयाम्
समस्त-देवास्य्र-पूजिताभ्याँ नमो नमः शँकर-पार्वतीभ्याम्।।१२।।

स्तोत्रं त्रिसन्ध्यं शिव-पार्वतीयं भक्तया पठेद् द्वादशकं नरो यः
स सर्वसौभाग्यफ़लानि भुंक्ते शतायुग्न्ते शिवलोकमेति।।१३।।

इति श्रीमच्छशँकराचार्यविरचित मुमामहेश्वरस्तोत्रं सम्पूर्णम्।।
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जटाटवी - गलज्जल - प्रवाह - पावितस्थले गलेवलंब्य - लंबितां- भुजंगतुंग - मालिकाम् ।
डमड्डमड्डमड्डम - न्निनाद - वड्डमर्वयं चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम्||

हर हर महादेव!!

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