राजन श्रीवास्तव का जनम कानपूर में ३० जनवरी १९६९ को हुआ है .इनका लग्न सिंह है . इनकी राशि धनु है .
इनके चौथे घर में सूर्य बुध की युति हो रही है जो बुधादित्य योग बना रहा है .इसके कारण ये चतुर , लोकप्रिय ,विद्धान , मधुर्भासी ,धनी प्रभावशाली हैं . राजकीय लोगो से सहायता मिलती है.
शुरु में भाग्य मंदगति से चलता है फिर कई बाधाएं आने के बाद काम में सफलता मिलती है. असंतोष और मानसिक अशांति व् अस्थिरता का दामन सदा साथ रहता है.यहाँ पर बुध की पोजीशन से भाषण देने की अपार व् अनोखी क्षमता आ जाती है .जनता मंत्र मुग्ध होकर देखती है . आगे जाकर राजनीती में सफलता मिलती है .इनके लेख और व्यंग से अपार कीर्ति मिलती है. बस यहाँ पर पेट के रोग परेशान करते हैं .
इनके पंचम भाव में शुक्र , शनि , चन्द्र की पोजीशन हैं . इससे काल्पिनिक व्यक्ति हो जाता है . इससे नेचर में रंगीलापन व् हँसमुख और काव्य प्रतिभा का समावेश हो जाता है. इनकी शिक्षा अधूरी रह जाती है .इनको यौवन में संघर्ष करना पढ़ता है. बाद में सफलता मिलती है. ये अपने धुन के लिए कुछ भी कर सकते है .ये संगीत ,नर्त्य ,कला और व्यंग से धन कमाते हैं. यहाँ पर शनि व् चन्द्र के कारण हल्का सा विषयोग बन रहा हैं जिसके कारण दोस्तों से हानि और मादक वस्तुओ से परेशानी होती है. इनकम के कई सोर्स होते है .ये इमानदार और आस्थावान होते हैं.
इनके ६ वें भाव में राहु है .इसके कारण इनको शत्रुओ पर जीत मिलती है . कठिनाई में अपनी राह बनाए वाले होते हैं. थर्ड हाउस में मंगल तुला का है जिसके कारण भाई से लाभ , पराक्रमी ,माँ का सुखा ज्यादा मिलता है .भवन सुंदर होता है. मंगल की भाग्य पर दृष्टि होने के कारण भाग्य से ज्यादा मिलेगा. अपने जनम स्थान से दूर ही सफलता मिलती है . शुक्र की ११वे भाव में दृष्टि के कारण इनको म्हणत से ही धन मिलेगा. इनकम में गुरु के होने से और पंचमेश होने के कारण धन आयेगा पर सत्कर्म से ही .बेमानी का पैसा नहीं फलेगा .१२ वे में कर्क राशि में केतु होने के कारण मानसिक उलझन रहेगी .
इस समय सूर्य में गुरु की अंतर्दसा चल रही है यह दशा आपको अति लाभ देगी . इसके बाद २८मर्च २०१३ से सूर्य में शनि की दशा चलेगी .यह दशा पुत्र व् पिता के बीच परेशानी देता है. आगे जाकर राजनीती में ही सफलता हैं. इनको मानसिक तनाव से आघात होने का खतरा रहता है. ये दूसरो की सहायता के लिया तत्पर रहते हैं.
इनके चौथे घर में सूर्य बुध की युति हो रही है जो बुधादित्य योग बना रहा है .इसके कारण ये चतुर , लोकप्रिय ,विद्धान , मधुर्भासी ,धनी प्रभावशाली हैं . राजकीय लोगो से सहायता मिलती है.
शुरु में भाग्य मंदगति से चलता है फिर कई बाधाएं आने के बाद काम में सफलता मिलती है. असंतोष और मानसिक अशांति व् अस्थिरता का दामन सदा साथ रहता है.यहाँ पर बुध की पोजीशन से भाषण देने की अपार व् अनोखी क्षमता आ जाती है .जनता मंत्र मुग्ध होकर देखती है . आगे जाकर राजनीती में सफलता मिलती है .इनके लेख और व्यंग से अपार कीर्ति मिलती है. बस यहाँ पर पेट के रोग परेशान करते हैं .
इनके पंचम भाव में शुक्र , शनि , चन्द्र की पोजीशन हैं . इससे काल्पिनिक व्यक्ति हो जाता है . इससे नेचर में रंगीलापन व् हँसमुख और काव्य प्रतिभा का समावेश हो जाता है. इनकी शिक्षा अधूरी रह जाती है .इनको यौवन में संघर्ष करना पढ़ता है. बाद में सफलता मिलती है. ये अपने धुन के लिए कुछ भी कर सकते है .ये संगीत ,नर्त्य ,कला और व्यंग से धन कमाते हैं. यहाँ पर शनि व् चन्द्र के कारण हल्का सा विषयोग बन रहा हैं जिसके कारण दोस्तों से हानि और मादक वस्तुओ से परेशानी होती है. इनकम के कई सोर्स होते है .ये इमानदार और आस्थावान होते हैं.
इनके ६ वें भाव में राहु है .इसके कारण इनको शत्रुओ पर जीत मिलती है . कठिनाई में अपनी राह बनाए वाले होते हैं. थर्ड हाउस में मंगल तुला का है जिसके कारण भाई से लाभ , पराक्रमी ,माँ का सुखा ज्यादा मिलता है .भवन सुंदर होता है. मंगल की भाग्य पर दृष्टि होने के कारण भाग्य से ज्यादा मिलेगा. अपने जनम स्थान से दूर ही सफलता मिलती है . शुक्र की ११वे भाव में दृष्टि के कारण इनको म्हणत से ही धन मिलेगा. इनकम में गुरु के होने से और पंचमेश होने के कारण धन आयेगा पर सत्कर्म से ही .बेमानी का पैसा नहीं फलेगा .१२ वे में कर्क राशि में केतु होने के कारण मानसिक उलझन रहेगी .
इस समय सूर्य में गुरु की अंतर्दसा चल रही है यह दशा आपको अति लाभ देगी . इसके बाद २८मर्च २०१३ से सूर्य में शनि की दशा चलेगी .यह दशा पुत्र व् पिता के बीच परेशानी देता है. आगे जाकर राजनीती में ही सफलता हैं. इनको मानसिक तनाव से आघात होने का खतरा रहता है. ये दूसरो की सहायता के लिया तत्पर रहते हैं.
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