शनि शांत कैसे हो
शनि
की साढ़े साती और ढ़ैया जब जातक पर चलती है तब जातक अनगिनत मुसीबतों से घिर जाता है
. इसी प्रकार जब जातक की कुंडली में शनि अशुभ होता है तब जातक को उसके कुप्रभाव से
बचने के लिए निम्न उपाय करने चाहिए .
व्रत –
प्रात : स्नान करके एक कलश में गंगाजल भर दे फिर उसे शिव जी को अर्पित करे . शाम को
शनि मंदिर जाकर काले या नीले फूल व् तेल
को शनि भगवान को अर्पित करें .या पीपल के
नीचे सरसों का दिया जलाये .
मंत्र
– इस दिन बीज मंत्र –
“ ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः
शनीस्चाराये नमः “ का १०८ जप करना चाहिए .
दान –
काले फूल ,काला वस्त्र , नारियल , जूते, सरसों का तेल ,कम्बल , शनि चालीसा ,कोयला
, केसर , कस्तूरी , काली उर्द , गरीबो को
भोजन और काली गाय आदि का शनिवार को दान
करना चाहये . दान को मध्यान्ह काल में शनिवार को करना चाहिए .
रत्न –
शनिवार के दिन मध्यमा अंगुली में कटेला / नीली / नीलम / लोहे का रिंग पुराणी नाव
की तली का या घोड़े की नाल का पहनना चाहिए . पहनने के पहले मंत्र
“ ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नमः “ का
१०८ जाप करना चाहये .
इसके
अलावा अपनी लम्बाई के बराबर का काला धागा पीपल के पेड़ पर ७ बार बांधे .
शनिवार
के दिन बिच्छु की जड़ को बाएं भुजा में बांधे .
सुंदर
कांड व् हनुमान चालीसा का पाठ भी करना चाहिए .
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