Sankat mochak Hanuman
ji ki Aradhana
मंगल
ग्रह के अशुभ होने के कारण , भाई को हो रहे कष्टों के निवारण हेतु , रक्त सम्बन्धी
रोगों से बचाव के लिए ,क़र्ज़ से मुक्ति के लिए , भाई की सफलता हेतु , ज़मीन जायदाद में उन्नाति के
लिए अग्नि व् विधुत सम्बन्धी कार्यो और प्रशासनिक सर्विस में सफलता पाने के लिए
हनुमान जी की आराधना करना ही एकमात्र उपाय हैं . भाई की सफलता हेतु प्रातः हनुमान
जी की मूर्ति के समक्ष पूजा सामग्री का प्रयोग करते हुए निम्न मन्त्र का जाप १०८
बार करना चाहिए –
“ ॐ नमो भगवते अन्जनायाय महाबालाय स्वाहा “ का एक माला जाप करे .
इसी प्रकार क़र्ज़ मुक्ति हेतु मंगल स्तोत्रम् का प्रातः पाठ करना चाहिए –
“ मंगलो
भूमिपुत्रस्च ऋणहर्तां धनप्रदः
स्थिरासनो महाकायः
सर्वकर्मां विरोधकः
लोहितो
लोहिताक्षश्चा सामगानां कृपाकरः
धरात्म्जः कुजो भौमो
भूतिदो भूमिनंदनः
अन्गारको यमास्चैव सर्वरोगप्रहारकः
वृष्टे कर्ताअपहर्ता च
सर्वकामफलप्रद:
एतानि कुजनामानि नित्यं यः श्रद्धया पठेत ॠणं न जयते तस्य धनं शीघ॒मवापनुयात
धरणींगर्भसंभूतं विदुत्कान्ति सम्प्रभम
कुमारम शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम
स्त्रोतमंगार कस्यैतत पठनीयं सदानृिभ
न तेषां भौमजा पीड़ा स्वल्पपि भवति क्वचित
अंगारक महाभाग भगवत भक्त वत्सल
तवं नमामि ममाशेषमृणमांशु विनाशप .
ॠणरोगादिदारिद॒म ये चान्ये हृद्याम्रत्यवः
भय्क्लेश्मस्तापा
नस्यन्तु मम सर्वदा
अतिव्रक दुरारोग्य
भोग्मुक्ताजितातामं
तुष्ठो ददामि सामार्ज्यं रुष्टो हरषि तत्क्षणात
विरिन्चय्शक्र विष्णुनां मनुष्याणां
तु का कथा
तेत त्वं सर्वसत्वेन
गृहराजो महाबलाः
पुत्रात देहिं धनं देहि त्वामास्मि शरणं गतः
ॠणदारिद॒ दुखें शत्रुणां चं भयाततः
एभि द्वार्दशाभिः
स्लोकैर्यः स्तोतिच धरासुतम
महतीं श्रियमाप्नोति ह्य्परो धनदो युवा
इसके अलावा मन्त्र
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