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Sunday, 14 April 2013

How to pray Lord Sun


भगवान् भास्कर की आराधना
सूर्यदेव जगत के संचालक है . इन्ही की किरणों में छुपी उर्जा को हरी पत्तियाँ लेकर भोजन को बनती है. जिसके द्वारा हमें जीवन जीने के लिए उर्जा प्राप्त होती है .भगवान भास्कर हमारी आत्मा और शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं .जब सूर्य हमारी कुंडली में कमजोर हो जाते है तो हमारी अस्थियो , शरीर , नेत्रों , आत्मबल और हमारे धन सम्पदा को कमजोर करते है .इसकी शांति हेतु उपाय इस प्रकार हैं ---व्रत  ===  रविवार के दिन सूर्य देव की आराधना व्रत के माध्यम से करनी चाहिए .इसके लिए प्रातः स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल गुडहल के फूल के साथ देना चाहिए .आदित्य हृदयस्रोत का पाठ या रविवार की कथा पढ़नी चाहये .शाम को बिना नमक का बिना तला भोजन करना चाहिए .
----दान – रविवार के दिन गेहूं , सुनहरे वस्त्र ,गुड़ , ताम्बा , सोना , घी , लाल कपडा ,लाल फूल , केसर , मूंग , लाल चन्दन नारियल , गुलाब का फूल और लाल गाय का दान करना चाहिए .
--- रत्न---इस दिन माणिक्य को अनामिका में तांबे या गोल्ड में पहनना चाहिए . पहनने के पहले मंत्र ओम मित्राय नमः का १०८ बार जाप करना चाहिए .
---पाठ -  इस दिन हरिवंश पुराण का पाठ करना लाभप्रद रहता है .
      बेल की जड़ को गुलाबी धागे में बायीं भुजा में पहनने से लाभ मिलता है .
---मंत्र == सूर्य देव की उपासना हेतु इनमे से कोई भी एक मन्त्र जाप १०८ बार कर सकते है.—
१.        ॐ सूयार्य नमः
२.      ॐ घृिण सूर्याय नमः
३.      ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
इनको जाप करने से स्किन व् नेत्र रोग दूर होते हैं .पदोनती हो जाती है .






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