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Thursday, 13 June 2013

maa vaishno devi

माँ वैष्णो देवी यात्रा

                                                                  vaishno devi temple
                                                                 ayush at bhairon natha
                                                                   trikuta mountain range
                                                                  vaishno devi hill
                                                                 ashi at sanjhi chhat


हमलोग ०६ जून २०१३ को सुबह कटरा पहुँच कर होटल में दोपहर तक आराम करने के बाद करीब तीन बजे माँ वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए पैदल ही त्रिकुट पर्वत की ओर चल पड़े . उस समय काफी तेज धूप थी लेकिन जैसे ही बेस कैंप  बाण गंगा के पास आये वैसे ही आसमान में बादल छा गए . मौसम सुहाना हो गया था . धीरे – धीरे अर्धकुमारी की ६ किलोमीटर की चढाई चड़ने के बाद वहाँ पर स्टे किया . यहाँ के होटल में कढ़ी- चावल खाए जो की फेमस है. अब अर्द्कुमारी के बगल से वैष्णो देवी जाने का नया रास्ता बन गया है इसी नए रास्ते से वैष्णो देवी के मंदिर तक गए . इस रास्ते में चट्टान अक्सर गिरती रहती है .इसलिए यह रास्ता खतरनाक भी है . वैष्णो देवी की चढाई में घोड़े के द्वारा पैदल चल रहे यात्रियों को बहुत परेशानी होती है .क्योंकि घोड़े वालो पर कोई लगाम व् नियम नहीं है . पूरे रास्ते में इनका कब्ज़ा है . त्रिकुट पर्वत पर सफ़ेद रंग का बना वैष्णो मंदिर अति सुंदर लगता है . यहाँ पहुचकर
astrologer gaur ji at vaishno devi
सबसे पहले ठन्डे पानी से स्नान कर १४ किलोमीटर के चढाई की थकान मिटाई . फिर माँ वैष्णो देवी के दर्शन हेतु नयी सुरंग से वैष्णो जी के मंदिर पहुचे जहाँ पर पिंड के रूप में माँ वैष्णो देवी विराजमान थी . माता जी के दर्शन के बाद २.५ किलोमीटर और उपर भैंरों नाथ के दर्शन करने निकल चले , यहाँ पहुचने में बहुत परेशानी आयी . दर्शन करने के बाद वही रात्रि विश्राम किया . सुबह वापिस कटरा के लिए त्रिकुट पर्वत से उतर लिए . पूरी यात्रा रोमांचक हुई .

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