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Wednesday, 12 June 2013

golden temple trip

गोल्डन टेम्पल यात्रा

झाँसी से ताज एक्सप्रेस से ३,६.१३ को ग्वालियर गए . फिर अगले दिन ४.६.१३ को कर्नाटक एक्सप्रेस  से न्यू डेल्ही गए . वहाँ से गरीब रथ एक्सप्रेस के द्वारा अमृतसर रात को ११ बजे पहुचे .रात को गोल्डन टेम्पल में ही स्टे किया . ०५.०६.१३ की सुबह गोल्डन टेम्पल के दर्शन करने हेतु मंदिर आये . पूरा मंदिर सोने की परत से चमचमा रहा था . मंदिर के चारो ओर पवित्र अमृत सरोवर है.मंदिर में हलवा का प्रसाद अर्पित होता है.दर्शन के लिए लम्बी क़तार लगी रहती है.मंदिर के अन्दर जाने पर गुरु ग्रंथ साहिब के दर्शन किये . अन्दर गुरुबानी का पाठ हो रहा था . दर्शन के बाद हम लोगो ने लंगर में जाकर प्रसाद ग्रहण किया . फिर कार से प्राचीन दुर्गायाना मंदिर गए .यह मंदिर भी चारो ओर सरोवर से घिरा है .इसके उपर भी सोने की परत चढ़ी है . यही सरोवर पर शंकर जी की मूर्ति है. यहाँ पर शीतला माता और हनुमान जी का मंदिर भी है. यहाँ दर्शन करने के बाद बाघा बॉर्डर गए . रस्ते में लाल माता का मंदिर गए . इस मंदिर में अनेक सुंदर झांकिया हैं . बाघा बॉर्डर में शाम को देशभक्ति के गाने और डांस प्रोग्राम के बाद परेड का प्रोग्राम देखने लायक होता है. फिर पाकिस्तान और इंडिया के झंडे उतराने की रस्म होती है . इस समय भारतीय जनता की नारेबाजी देखने लायक होती है. भारत की ओर ज्यादा भीड़ होती है . भारत की जनता पाकिस्तान की तुलना में ज्यादा ख़राब आचरण करती है. चारो ओर प्लास्टिक बोत्तल , रैपर व् गंदगी फैलाती है. अराजक होकर एक दुसरे को धक्का देती है. बी. एस. एफ . वाले बहुत मुस्किल से कण्ट्रोल कर पाते है . फिर भी यह प्रोग्राम देखने वाला होता है.

                       gate of golden temple

                              golden temple


                           fishes in sarovar

                   astrologer gaur ji in golden temple

                   astrologer gaur ji in durgayana temple
                        auysh in durgayana temple
                  astrologer gaur ji in bagha border
 

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