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Saturday 13 April 2013

Shani kaise shant ho


 शनि शांत कैसे हो
शनि की साढ़े साती और ढ़ैया जब जातक पर चलती है तब जातक अनगिनत मुसीबतों से घिर जाता है . इसी प्रकार जब जातक की कुंडली में शनि अशुभ होता है तब जातक को उसके कुप्रभाव से बचने के लिए निम्न उपाय करने चाहिए .
व्रत – प्रात : स्नान करके एक कलश में गंगाजल भर दे फिर उसे शिव जी को अर्पित करे . शाम को शनि मंदिर जाकर काले या नीले फूल  व् तेल को  शनि भगवान को अर्पित करें .या पीपल के नीचे सरसों का दिया जलाये .
मंत्र – इस दिन बीज मंत्र –
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनीस्चाराये नमः का १०८ जप करना चाहिए .
दान – काले फूल ,काला वस्त्र , नारियल , जूते, सरसों का तेल ,कम्बल , शनि चालीसा ,कोयला , केसर , कस्तूरी ,  काली उर्द , गरीबो को भोजन और  काली गाय आदि का शनिवार को दान करना चाहये . दान को मध्यान्ह काल में शनिवार को करना चाहिए .
रत्न – शनिवार के दिन मध्यमा अंगुली में कटेला / नीली / नीलम / लोहे का रिंग पुराणी नाव की तली का या घोड़े की नाल का पहनना चाहिए . पहनने के पहले मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नमः का १०८ जाप करना चाहये .
इसके अलावा अपनी लम्बाई के बराबर का काला धागा पीपल के पेड़ पर ७ बार बांधे .
शनिवार के दिन बिच्छु की जड़ को बाएं भुजा में बांधे .
सुंदर कांड  व् हनुमान चालीसा का पाठ भी करना चाहिए .


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