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Tuesday 9 April 2013

MANGAL GRAH SHANTI


 Mangal shanti  ki pooja


यदि जातक मंगली है या कुंडली में मंगल अशुभ भाव में बैठा है तो मंगल शांत करने के लिए इस प्रकार पूजा करनी चाहिए .
मूंगा रत्न – इसे मंगलवार के दिन प्रात : शुक्ल पक्ष में शुभ मुहूर्त में तांबे या गोल्ड की रिंग में ०६ – ०८ रत्ती का अनामिका  (ring finger ) में पहनना चाहिए . पहनने के पहले रिंग को गंगाजल , हल्दी व् दूध से धो कर निम्न मंत्र को    १०८ जाप कर ही धारण करना चाहिए . – ॐ अं अंगारकाय नमः .. यह रत्न क़र्ज़ , रक्त विकार , चर्म रोग से मुक्ति दिलाता है .zameen  जायदाद  का लाभ होता है .पराक्रमी व्  तेजवान बनता है .
मंगल यन्त्र  - सुबह स्नान कर क़र्ज़ मुक्ति के लिए मंगल यन्त्र को ताम्बा में या भोजपत्र पर अश्वगंधा की कलम से लिखकर पूजा करनी चाहिए .
मंत्र ॐ हूं श्रीं मंगलाये नमः का ४००० जाप करना चाहिए .
     ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः  का १०००० जाप करना चाहिए .
मंगल व्रत – जिस कन्या की कुंडली मंगली हो उसे मंगला गौरी का व्रत करना चाहिए  और प्रातःआंवले का तेल लगा कर स्नान करना चाहिए फिर लाल वस्त्र पहन कर लाल फूल से पूजा करनी चाहिए  बहते जल धरा में मौली और जटा नारियल को लाल कपडे में लपेटकर बहा देने से भी मंगल दोष कम हो जाता है .गाय को मीठी रोटी देने से भी कम होता है ..
          जिस पुरुष की कुंडली मांगलिक हो उसे सुंदर कांड का पाठ कर हनुमान जी को सिंदूर व् लाल झंडा चढ़ाना चाहिए .अनतमूल की जड़ को लाल कपडे में बांधकर भुजा में पहनना चाहिए .
 दान  - केसर , लाल मसूर , गुड , लाल कपड़ा , लाल कनेर , ताम्बा , कस्तूरी , लाल चन्दन , मीठी रोटी , बन्दर को गुड़ चना , लाल मूंगा और  सोना आदि का दान मंगल को शांत करता है .
मंगल गायत्री मंत्रॐ अंगारकाय विघ्नहे शक्ति हस्ताये धीमहि तन्नौ भौम प्रचोदयात   का जाप भी लाभ देता है .
 वैदिक मंत्रॐ अग्निमूर्धा  दिव : ककुत्पतिः पर्थिव्याः अयं उपाय रे ता सिजिन्वित .
पुराण मंत्र – ॐ धरणी गर्भं संभूतं विधुत्कान्ति सम्प्रभम .कुमारं शक्ति हस्तं ते मंगलम प्रणमामयहम . के जाप से भी मंगल शांत होता है .
           मंगलवार को हनुमान जी के दर्शन करना व् हनुमान चालीसा को पढना लाभ देता हैं .

  
  




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