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Saturday 20 April 2013

MEDICAL ASTROLOGY -1


MEDICAL ASTROLOGY  (१)– PLANET AND ITS RELATED DISEASE
भारतीय वैदिक ज्योतिष ग्रंथो वृहतजातक , जातक पारिजात और  VRAHAवृहत संहिता  आदि ग्रंथो में विस्तार से ग्रहों की अशुभ स्तिथि से होने वाले रोगों के बारे में विस्तार से बताया गया है .मेरे द्वारा भी अनेक जातक कुंडली में ग्रहों से होने वाले रोगों को प्रतक्ष्य पाया गया है . हमारे शरीर में सूर्य आत्मा का कारक है .यह गर्मी  पित , ह्रदय ,रक्त , किडनी , लीवर , नर्वस सिस्टम , दक्षिण नेत्र और स्त्री के बाएं नेत्र को कष्ट देता है .इसी प्रकार चन्द्र मन का कारक ग्रह है .यह शीत रोग , जुकाम , कफ़ सम्बन्धी रोग , छाती , स्तन , पेट , पुरुष के बाएं नेत्र और स्त्री के दक्षिण नेत्र पर प्रभाव डालते है .
इसी प्रकार मंगल जो तेज का प्रतीक है . इसके द्वारा पित, मज्जा , शक्ति ,उष्णता रूखापन , नाक , ब्रेन और नर्वस सिस्टम को देखा जाता है. बुध ग्रह जो वाक्य चातुर्य का प्रतीक है .उसके द्वारा वाणी ,त्रिदोष , धातु , निंद्रा ,स्वर नलिका , लीवर  मन, स्वभाव , चंचलता , मज्जा तंतु , हाथ , मुख और बालो में होने वाले रोगों के बारे में जाना जाता है . गुरु ग्रह चर्बी , धातु , पेट , कफ़ ,लीवर , वेंस ,रक्त , दाहिने कान आदि पर प्रभाव डालता है.
इसी प्रकार शुक्र ग्रह आद्र , उष्ण, गला , दाड़ी ,कपोल , वीर्य . बायाँ कान , कफ़ स्वर ,ध्वनि , और जननेंद्रियो पर प्रभाव डालता है .शनि ग्रह का प्रभाव हड्डी , जॉइंट्स , नर्वस सिस्टम ,दांत , प्लीहा , घुटना , वात , शल्य और शूल पर होता है . कुंडली में छठा भाव को रोग भाव कहते है . इस भाव से रोगों के बारे में जानकारी मिलती है .जनम कुंडली में अष्टमेश यदि सिक्स्थ हाउस में हो तो रोग प्रबल रूप से घेरते हैं ,गुरु का तीसरे भाव में ,मंगल का सप्तम भाव में होना ,राहु का धनु राशि में , चन्द्र का अष्टम में , सूर्य का १२वे में , बुध का सप्तम में , शुक्र का कर्क व् सिंह राशि में होने से जब जब इनकी दशा या अन्तर्दशा आती है तब तब रोगों का हमला होता है .इनके उपचार हेतु निर्धारित तिथि और नक्षत्र से शुरु की गयी दवाएं जल्दी रोग को रोकती है .यदि तृतीया को रोहणी नक्षत्र , चतुर्थी को उत्तरासाढ़ा नक्षत्र , पंचमी को श्रवण , षष्ठी को मृगशिरा ,सप्तमी को रेवती , नवमी को कृतिका , दशमी को पुष्य , द्वादशी को अनुराधा , और त्रियोदशी को कृतिका नक्षत्र में दवा लेने से रोग जल्दी भाग जाते हैं .

1 comment:

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