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Tuesday 30 April 2013

MUSIC THERAPY 1


संगीत का रोगों की रोकथाम पर असर
संगीत और गायन का मानव शरीर से सीधा सम्बन्ध होता है .हर जातक को अपनी प्रकृति के अनुसार ही गाने पसंद होते है .हर व्यक्ति अपनी रूचि के अनुरूप ही म्यूजिक पसंद करता है. कुछ गीत ऐसे होते है जिनको वह सुनकर आत्मविभोर होकर सुधबुध खो देता है . बहुत से गीतों और संगीत में रोगों के उपचार करने की ताक़त होती है .
हृदय रोग –
इस रोग की रोकथाम के लिए राग दरबारी और राग सारंग पर आधारित गीत कामयाब हुए हैं. ये गीत इस प्रकार हैं –
१.झनक झनक बजे तोरी पायलिया –मूवी मेरे हुज़ूर
२. ओ दुनिया के रखवाले सुन दर्द भरे मेरे नाले – मूवी – बैजू बावरा 
३. तोरा मन दर्पण कहलाये – मूवी काज़ल
४.राधिके तूने बांसुरी चुराई – मूवी – बेटी –बेटे
५. मोहब्बत की झूठी कहानी पे रोये – मूवी मुग़ल –ए- आजम
ब्लड प्रेशर  --
आजकल यह बीमारी आम हो गयी है .हाई ब्लड प्रेशर में धीमा संगीत और लो ब्लड प्रेशर में तेज संगीत लाभ प्रद होता है. इसलिये हाई ब्लड प्रेशर के लिए निम्न गीत सुनने चाहिए –
१.      चल उड़ जा रि पंछी की अब ये देश हुआ बेगाना – मूवी भाभी
२.    ज्योति कलश छलके –मूवी भाभी की चूड़ियाँ
३.    चलो दिलदार चलो चाँद के पार चलो –मूवी पकीजा
४.    ॐ नमः शिवाय , ॐ नमः शिवाय – मूवी भैरवी
५.   नील गगन के टेल धरती का प्यार पीला –मूवी हमराज़
लो ब्लड प्रेशर के लिए निम्न गीतों को सुनना चाहिए -
 १ . ओ नींद न मुझको आयर दिल मेरा घबराये – मूवी – पोस्ट बॉक्स न.९०९
 २. जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती हैं बसेरा – मूवी – सिकंदर – ए – आज़म 
3. पंख होते तो उड़ आती रे रसिया ओ बलमा – सेहरा
४.एक सवाल मैं करूँ एक सवाल तुम करों – मूवी ससुराल
५. बेगानी शादी में अब्दुल्लाह दीवाना – मूवी जिस देश में गंगा बहती है
मानसिक रोग –
जब जिंदगी में उदासी की स्याह चादर छा जाये और मन घबराये तो शास्त्रीय संगीत का राग बिहाग और राग मधुवंती सुनने से डिप्रेशन दूर हो जाता है. इन रागों पर आधारित इन गानों को सुनने से मन की नीरसता दूर हो जाती है .
1 . तुम तो प्यार हो सजना मुझे तुमसे प्यारा कोई नहीं –मूवी सेहरा
2. सखी रि मेरा मन उलझे तन डोले – मूवी चित्रलेखा
3. मेरे सुर और तेरे गीत दोनों मिलकर बनेगी प्रीत – मूवी गूँज उठी शहनाई
4 . सखी री पी का नाम न , नाम न पुछो –मूवी सटी सावित्री
५- मतवाली नार ठुमक ठुमक चली जाएँ – मूवी आम्रपाली

Sunday 28 April 2013

VASHIKARAN PRAYOG


वशीकरण प्रयोग
वशीकरण विधा के प्रयोग से किसी भी स्त्री – पुरुष को वश में किया जा सकता है.पुरुष को वश में करने के लिए रविवार के दिन तुलसी के बीजो को चूर्ण बनाकर उसमे सहदेवी का रस मिला दे.फिर इसका तिलक लगाकर उस पुरुस के पास जाने पर वह धीरे धीरे वशीभूत हो जाता है. इसी प्रकार सन्डे को मृत बैल के सींग में जिस पुरुष को वश में करना है उसके पैर की धूल को सींग में भरकर उसे गुग्गुल के धुऐं से शुद्ध कर उसके घर में मिटटी के अन्दर दबा देने से वह जातक वश में हो जाता हैं. इसी प्रकार सोमवार के दिन ब्रहम दंडी की टहनी को पीसकर काजल की तरह आँखों में लगाकर जिस को वश में करना है उसके पास जाकर मिलने से वह वश में आ जाता है.
स्त्रीयों को वश में करने के लिए निम्न प्रयोग करने चाहिए .पुष्य नक्षत्र के दिन बाल्छर की जड़ें मुख में कुछ देर तक रखने के बाद उसे निकलकर पान के पत्ते में लपेटकर महिला को खिला देने पर वह वशीभूत हो जाती हैं .
इसी प्रकार पुष्य नक्षत्र में मंजीथ की जड़ का चूर्ण बनाकर उस महिला के सिर पर रख दे तो वह वशीभूत हो जाती है.
इसी प्रकार  पुष्य नक्षत्र में धोबी के पैरों की धुल को लेकर रविवार को उस महिला के माथे में लगाने से वह धीरे – धीरे वश में आ जाती है.

Saturday 27 April 2013

good days for work


शुभ कार्य कब करें
कब कब कौन से कार्य करने से लाभ होता है उसके लिए मुहूर्त चिंतामणि ग्रन्थ में विस्तार से बताया गया है . इन दिनों ये कार्य करने से अनुकूल सफलता मिलती है.
नया वस्त्र कब पहने –शुक्रवार का दिन अति शुभ होता है .रविवार , बुधवार व् गुरुवार भी शुभ होता है .सोमवार सामान्य रहता है.
नवीन आभूषण कब धारण करे – रविवार , सोमवार , बुधवार , गुरुवार और शुक्रवार अति उत्तम होते हैं .
नए जूते कब पहने – सोमवार , बुधवार और गुरुवार अति शुभ होते हैं
शेविंग – बुधवार और शुक्रवार अति शुभ होते हैं . रविवार ,सोमवार और शनिवार सामान्य रहते हैं .
तेल मालिश कब करें –बुधवार और शनिवार उत्तम रहता हैं
पौध कब लगायें- रविवार , बुधवार , सोमवार और गुरुवार अति उत्तम रहता हैं .
बीज कब बोने चाहिए –बुधवार , गुरुवार और शुक्रवार सुभ होता है . अश्वनी , मृगशिरा ,पुष्य , माघ ,हस्त , चित्र ,स्वाति ,अनुराधा, मूल रेवती और तीनो उत्तरा और रोहणी नक्षत्र भी ठीक होते हैं.
बीज कब संग्रह करें –सोमवार , बुधवार , गुरुवार और शुक्रवार शुभ रहते हैं. रोहणी, मृगशिरा, हस्त ,चित्र स्वाति , स्रवण और घनिष्ठा नक्षत्र शुभ रहते हैं .
फसल काटने के लिए – रविवार , सोमवार , बुधवार ,गुरुवार और शुक्रवार शुभ रहते हैं .अद्रा , भरनी ,हस्त मृगशिरा , पुष्य , स्वाति और पुनर्वसु नक्षत्र अति उत्तम होते हैं .

Friday 26 April 2013

astrology and friends


ज्योतिष ग्रहों का दोस्ती में प्रभाव
मित्रता का ग्रहों से सीधा सम्बन्ध होता है . जातक की कुंडली के अनुसार ही उसके दोस्त लाभ – हानि देते है .हर राशि के जातक के लिए कुछ राशि वाले ही जातक लाभ देते है बाकी फालतू के टाइम पास फ्रेंड होते है . जो केवल समय बर्बाद करवाते है . अतः जाने की किस राशि के लिए किस राशि के दोस्त लाभप्रद रहेंगे .
मेष - -यह राशि अग्नि प्रधान ,क्रूर ,चर ,रजोगुणी है . ये लोग आकर्षक जीवन शैली वाले होते है .इनकी दोस्ती सिंह और धनु राशि वाले इनके अच्छे मित्र होते है .इसीके साथ १ ,३ ,४ और ९ मूलांक वाले इनका  साथ देना ज्यादा पसंद करते है.
वृष-----ऐशर्व्य ,भोग विलास , और मनोरंजन प्रिय होने के कारण इनकी दोस्ती सभी पसंद करते है .यह राशि पृथवी तत्त्व , स्थिर , तमो गुनी होती है .कन्या , मकर मिथुन और कुम्भ राशि वालो से इनकी अच्छी निभती है . ४ ,५ ,८ मूलांक वाले इनके प्रिय होते है .
मिथुन--- यह राशि वायु तत्त्व , सतोगुणी और क्रूर होती है .बुदि प्रधान इस राशि वाले मेहनती होने के कारण अपने जैसे मेष , सिंह , धनु कन्या , तुला , कुम्भ राशि वालो को पसंद करते है . मूलांक १,५,६,८ वाले भी साथ देते हैं .
कर्क ---यह राशि जल तत्त्व , सौम्य , चर प्रकृति की होती है . ये चंचल स्वभाव के होते है . इनकी दोस्ती मेष , मिथुन ,तुला, कुम्भ , कन्या , वृश्चिक और मीन राशि वाले को अपना दोस्त मानती है .१,२,३,५,९, मूलांक इनके मित्र होते है .
सिंह –इस राशि के जातक अग्नि तत्त्व , क्रूर और स्थिर स्वभाव के होते है .
 ये दोस्ती के खातिर कुछ भी कर सकते है इनके दोस्त मेष , कर्क ,सिंह , धनु ,मिथुन ,तुला , कुम्भ वाले होते है . मूलांक १,२,३,५और ९ इनके संगी होते है .
कन्या –यह राशि प्रथ्वी तत्त्व , सौम्य और सतोगुणी होती है .ये रहस्यमयी प्रकृति के होते है . इनकी दोस्ती मेष , वृष , सिंह ,कन्या , धनु ,और मकर वालो से होते है . मूलांक १,३,५,६आयर ८ संगी होते है.
तुला --- इस राशि के जातक वायु तत्त्व , क्रूर  व् चर प्रकृति के होते है .इस राशि की दोस्ती मेष , सिंह , धनु और मिथुन वालो से होती है . मूलांक ५,६ और ८ इन्हें विशेष प्रिय होते है .
वृश्चिक—ये सौम्य व्  स्थिर  मस्त मौला होते है .इनकी दोस्ती मीन , ृव्स्चिक , सिंह और कर्क राशि वालो से होती है . इनका मूलांक १,३,७,९ से निभती है.
धनु – इस राशि के लोग सादा जीवन उच्च विचार वाले होते हैं . अग्नि तत्त्व , क्रूर परखी द्रष्टि वाले ये जातक मेष ,मिथुन ,सिंह ,कन्या , धनु और मीन राशि वालो को पसंद करते है . मूलांक १,३,५,७,९ से लगाव रखते हैं .
मकर – इस राशि के जातक सौम्य , चर और रजो गुणी होते है . इनकी दोस्ती वृष , मिथुन , कन्या , तुला और मकर  वालो से होती है . मूलांक ४,५,६,८ से लगाव होता है .
कुम्भ – ये राशि वायु तत्त्व , क्रूर और तमोगुणी होती है . इनकी दोस्ती मिथुन , तुला और कुम्भ राशि वालो से अच्छी होती है . मूलांक २,५,६,७,८ से लगाव होता है .

Thursday 25 April 2013

SHIV ARADHANA


Shiv aradhana
शिव आराधना के लिए सोमवार को दूध , दही , चीनी , गन्ने का रस से शिवलिंग के ऊपर अभिषेक करना चाहिए . इससे चन्द्र का अशुभ प्रभाव भी ख़तम हो जाता है .मेष राशि के जातक को लाल कमल के पुष्प को शिव जी के ऊपर अर्पित करना चाहिए. वृष राशि वाले को सफ़ेद फूल का अर्पण ,मिथुन राशि वाले को बेलपत्र का अर्पण , कर्क राशि वाले जातक को सफ़ेद कमल का अर्पण , सिंह राशि वाले को मदार के फूल से आराधना करनी चाहिए .कन्या राशि वाले को कैम्प  चमेली के फूल से , तुला राशि वाले को धतूरे , वृश्चिक राशि वाले को पलाश , धनु और मीन राशि वाले को पीले कनेर या पीला गेंदे से भगवान् शिव की पूजा करनी चाहिए मकर और कुम्भ राशि वाले को शमी या नील कमल के फूल से शिवलिंग में अर्पण करना चाहिए.इन फूलो को अर्पित करते समय मन्त्र जाप ११ बार करना चाहिए ---
ॐ नमः शिवाय : ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः ॐ नमः शिवायः
इसको करने से चन्द्र के अशुभता से मुक्ति मिल जाती है . मानसिक शांति की अनुभूति होती है .

Wednesday 24 April 2013

acting me safalta hetu upay


सिने जगत में सफलता के उपाय
फिल्म जगत में सफल होने के लिए जातक को श्री विष्णु लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिये इसके लिए निम्न मंत्र  का जाप प्रतिदिन १०८ बार करना चाहिए .
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
इसी प्रकार श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए .
इसी प्रकार गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा निम्न मंत्र के द्वारा पीले फूल अर्पित करते हुए करनी चाहिए –
शान्ताकारं भुजंगशयनम पदमनाभं सुरेशं
                        विशवाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभागं
  लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिध्यनीगम्यं
                          वन्दे विष्णु भवभय हरणं सर्वलोकैकनाथं
6
7
2
1
5
9
8
3
4

ऊपर दिए हुए यन्त्र को भोजपत्र में बनाकर लॉकेट बनाकर गले में पहनने से लाभ मिलता है. इस यन्त्र को गुरुवार को शुक्ल पक्ष में धारण करना चाहिए .
इसी के साथ मंत्र – श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः का भी १०८ बार जाप करना चाहिए

Monday 22 April 2013

MEDICAL ASTROLOGY 3- STONE


MEDICAL ASTROLOGY – STONE
यदि किसी कुंडली में धनु या मीन राशि में बुध हो और उसपर सूर्य की पूर्ण द्रष्टि हो तो स्टोन होने की संभावना होती है .यदि कर्क ,मकर और मीन राशि में एक से अधिक ग्रह हो तो उसपर शनि व् सूर्य द्रष्टि डाल रहे हो तो स्टोन का खतरा होता है . स्टोन गल ब्लैडर या मूत्राशय में चोलेस्त्रल या कैल्शियम के कण होते है जो यूनाइट होकर स्टोन में बदल जाते है.लग्न या सप्तम भाव में पापी व् नीच राशिस्थ ग्रह हो उनपर शनि या सूर्य की द्रष्टि हो तो भी संभावना रहती है .यदि कर्क में शनि हो और मकर में कई ग्रह हो तो .इसी प्रकार तुला का सूर्य व् मीन में कई ग्रह हो तो भी संभवाना पाई जाती है..इसी प्रकार सप्तम में मीन राशि हो उसमे बुध हो और उसपर सूर्य की द्रष्टि हो तो स्टोन की संभावना होती है.
उपचार –
स्टोन होने पर बुधवार को गाय को हरी घास को अपने हाथो से खिलाना चाहिए .बुध को हरी वस्तुओ का दान करना चाहिए .
बुध का मंत्र का १०८ बार रोज़ जाप करना चाहिए –
ॐ बुं बुधाय नमः
मुत्रसाया में स्टोन होने पर शुक्र का मंत्र जाप करना चाहिए –
ॐ शुं शुक्राय नमः का १०८ बार जाप प्रतिदिन ज.
शुक्रवार को सफ़ेद वस्तु किसी कन्या को दान करनी चाहिए जैसे चावल , दही ,खीर , शक्कर आदि .

Sunday 21 April 2013

MEDICAL ASTROLOGY 2 -HOW TO CONTROL OBESITY


मेडीकल ज्योतिषी – मोटापा की रोकथाम
 यदि जातक की कुंडली में शुक्र द्वादश स्थान में विराजमान है तो वह व्यक्ति मीठे का प्रेमी होता है . जिसके कारण उसकी चर्बी बढ़ने लगती है और वह मोटापे का शिकार आसानी से हो जाता है. वह इसके प्रबह्व से आलसी भी हो जाता है जिससे मोटापा स्थायी होकर रोग बन जाता है .बारहवे घर में शुक्र व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से सिथिल बना देता है.इसलिए जैसे ही मोटापा बधन शुरु हो तुरंत ही शुक्र की आराधना करनी चाहिए . इसके लिए शुक्र श्रोत या शुक्र कवच का पाठ करना चाहिए. इन पाठ के प्रारम्भ और समापन में सम्पुट मम स्थौल्यनिवारणार्थ जपे विनियोगः का जाप भी कहना चाहिए .
इसके अलावा मंत्र –
ह्रीं हिमकुंद मृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम .सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्हायम
मंत्र जाप –   ॐ शुं शुक्राय नमः
इसके लिए व्रत कृछ चंद्रायण व्रत करना चाहिए .यह व्रत चन्द्रमा की बढती और घटती कलाओ के आधार पर किया जाता है . उसी आधार पर अन्न खाया जाता है
इसी प्रकार शुक्लपक्ष के पहले शुक्रवार को सूर्योदय बेला में अनार की कलम से अष्टगंध यंत्र बनाये . यह यंत्र नौ खंड वाला होता है.ऊपर से नीचे तक तीन – तीन खंडो  में क्रमशः ११ , ६ , १३ ,१२ , १०, ८ ,७, १४ ,९ लिखना चाहिए .इसकी पूजा करने के बाद तंत्र मन्त्र –
ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः का १०८ बार जाप करना चाहिए .
इसी के साथ आंवला , पलाश, जामुन और ढ़ाक की पूजा करना चाहिए .
गूलर की समिधा से यज्ञ करना चाहिए . शुक्रवार को दही का दान भी लाभदायक होता है .इस दिन बड़ी इलाएची , मनःशिला  ,फल – फूल , कुमकुम के जल से स्नान करने से शुक्र का प्रभाव कम हो जाता है .
ये सब करते हुए प्रातः काल घूमना और योगासन करना लाभप्रद रहता है.

Saturday 20 April 2013

MEDICAL ASTROLOGY -1


MEDICAL ASTROLOGY  (१)– PLANET AND ITS RELATED DISEASE
भारतीय वैदिक ज्योतिष ग्रंथो वृहतजातक , जातक पारिजात और  VRAHAवृहत संहिता  आदि ग्रंथो में विस्तार से ग्रहों की अशुभ स्तिथि से होने वाले रोगों के बारे में विस्तार से बताया गया है .मेरे द्वारा भी अनेक जातक कुंडली में ग्रहों से होने वाले रोगों को प्रतक्ष्य पाया गया है . हमारे शरीर में सूर्य आत्मा का कारक है .यह गर्मी  पित , ह्रदय ,रक्त , किडनी , लीवर , नर्वस सिस्टम , दक्षिण नेत्र और स्त्री के बाएं नेत्र को कष्ट देता है .इसी प्रकार चन्द्र मन का कारक ग्रह है .यह शीत रोग , जुकाम , कफ़ सम्बन्धी रोग , छाती , स्तन , पेट , पुरुष के बाएं नेत्र और स्त्री के दक्षिण नेत्र पर प्रभाव डालते है .
इसी प्रकार मंगल जो तेज का प्रतीक है . इसके द्वारा पित, मज्जा , शक्ति ,उष्णता रूखापन , नाक , ब्रेन और नर्वस सिस्टम को देखा जाता है. बुध ग्रह जो वाक्य चातुर्य का प्रतीक है .उसके द्वारा वाणी ,त्रिदोष , धातु , निंद्रा ,स्वर नलिका , लीवर  मन, स्वभाव , चंचलता , मज्जा तंतु , हाथ , मुख और बालो में होने वाले रोगों के बारे में जाना जाता है . गुरु ग्रह चर्बी , धातु , पेट , कफ़ ,लीवर , वेंस ,रक्त , दाहिने कान आदि पर प्रभाव डालता है.
इसी प्रकार शुक्र ग्रह आद्र , उष्ण, गला , दाड़ी ,कपोल , वीर्य . बायाँ कान , कफ़ स्वर ,ध्वनि , और जननेंद्रियो पर प्रभाव डालता है .शनि ग्रह का प्रभाव हड्डी , जॉइंट्स , नर्वस सिस्टम ,दांत , प्लीहा , घुटना , वात , शल्य और शूल पर होता है . कुंडली में छठा भाव को रोग भाव कहते है . इस भाव से रोगों के बारे में जानकारी मिलती है .जनम कुंडली में अष्टमेश यदि सिक्स्थ हाउस में हो तो रोग प्रबल रूप से घेरते हैं ,गुरु का तीसरे भाव में ,मंगल का सप्तम भाव में होना ,राहु का धनु राशि में , चन्द्र का अष्टम में , सूर्य का १२वे में , बुध का सप्तम में , शुक्र का कर्क व् सिंह राशि में होने से जब जब इनकी दशा या अन्तर्दशा आती है तब तब रोगों का हमला होता है .इनके उपचार हेतु निर्धारित तिथि और नक्षत्र से शुरु की गयी दवाएं जल्दी रोग को रोकती है .यदि तृतीया को रोहणी नक्षत्र , चतुर्थी को उत्तरासाढ़ा नक्षत्र , पंचमी को श्रवण , षष्ठी को मृगशिरा ,सप्तमी को रेवती , नवमी को कृतिका , दशमी को पुष्य , द्वादशी को अनुराधा , और त्रियोदशी को कृतिका नक्षत्र में दवा लेने से रोग जल्दी भाग जाते हैं .

Friday 19 April 2013

NAVDURGA KI LAST PRAYER


नव दुर्गा के अंतिम दिन नवमी को सिद्धि देने वाली माँ सिद्धिदात्री देवी की आराधना करने  से संगीत व् एक्टिंग के क्षेत्र में अपार सफलता मिलती है .इस दिन प्रातः माँ का पूजन करने के बाद निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए .  ‘देहि सौभाग्यामारोगायं देहि में परम सुखं
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि दिषो जहि
इस दिन नव कन्याओ को भोज करवाना चाहिए जिससे की उन भूखी आत्मा की दुआ से आपको सफलता मिल सके . इस दिन राजनीती में सफलता प्राप्ति के लिए त्रिपुरा सुंदरी की आराधना निम्न मंत्रो से करके सफलता की दिशा में कदम बढाने चाहिए  -
स्रृष्टिस्थितिविनाशानां शक्तिभुते सनातनि
  गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोस्तु ते
                       सर्वस्वरूपे सर्वशे सर्वशक्ति समन्विते
                      भयेभ्यस्त्राही नो देवी दुर्गे देवी नमोस्तु ते
सर्वबाधाप्रशमनं  त्रैलोक्यस्याखिलेस्वरी
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरिविनाशनं
                        शूलेन पाहि नो देवी पाहि खडगेन चाम्बिके
                        घंटास्वनेंन नः पाहि चाप्ज्यानिःस्वनेन च
सर्वमंग्लममंगलये शिवे सवारथाशाधिके
सरन्ये त्रयम्बके गौरि नारायणि नमेस्तु ते 
शरणागतद्वीनार्तापरित्राणपरायणे
सर्वेस्यातिहरे देवी नारायणि नामोअस्तु ते
ये जाप सच्चे मन से करने में अपार सफलता मिलती है . आज के दिन भगवान श्री राम चन्द्र जी का भी जनम दिन है . अतः आज के दिन भगवान राम की अर्चना करने से लाभ मिलता है . आज रामचरित मानस का पाठ करने से आत्मिक शक्ति की वृद्धि होती है .

Thursday 18 April 2013

Guru ki pooja


Guru ki pooja
बृहस्पति ग्रह हमें सुख , पद, सम्मान , राजनीति में सफलता विद्या व् आरोग्यता दिलाता है . इसके अशुभ स्थान में आ जाने पर इनमें कमी आ जाती है अतः इसके निम्न उपाय है –
व्रत – प्रात : स्नान करके कलश में जल भरकर . कलश के ऊपर भगवान विशुनु की मूर्ति रखकर पीले फूल , चावल , धुप , पीला फल और घी का दिया जलकर पूजा करे .
मंत्र – ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः का जाप करे . १९००० जाप करने चाहये .प्रति दिन १०८ बार जाप करें .
दान – हल्दी , पीला वस्त्र , केसर , चने की दाल ,पीला फूल , पुस्तक और सोने का दान शाम को पंडित को करना चाहिए .
पाठ – ब्रहस्पति कवच का पाठ करना चाहिए .
रत्न – तर्जनी में पुखराज या सुनाहैला को सोने की रिंग में गुरुवार को पहनना चाहिए .पहनने के पहले मंत्र – ॐ ब्रां ब्रहस्पत्ये नमः का १०८ जाप करना चाहिए .
इसके अलावा केसकेसर को पीले कपडे में बंधकर अपने पास रखना चाहिए .
अनार की जड़ को बाएं भुजा में बांधना चाहिए
जटा नारियल या बादाम को बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए .

Wednesday 17 April 2013

WORSHIP OF BUDHA GRAH


Worship of mercury (Buddha grah)
Mercury planet effected to skin disease, speech activity, money problems, and brain power.
FAST – on Wednesday after bathing we offering the green leaves, doob grass and flowers to god Buddha dev with recite 108 times this  mantra –
“Ohm Bram brim braum sah Buddha namh: “
Gems –The jataka always wear emerald, onyx and aquamarine gems at Wednesday morning on little finger. We use silver ring for emerald gems and recite 108 times mantra before bearing ring is –
“Ohm Bram buddhaya namh “
“ ohem aim shrim shrim budhaya namh “
Daan – moong pulse, green cloth, bronze metal, banana, green vegetables, kapoor, grapes and durga chalisa.
Patha – ram raksha shrota
Root – vigdhara’s root bear on left arms in the green clothes on Wednesday.