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Friday, 12 July 2013

aakriti nirnaya

राशि
तत्त्व
जल भाग
कद
मेष
अग्नि
पाद जल
हृश्व
वृष
पृथ्वी
अर्ध् जल
हृश्व
मिथुन
वायु
निर्मल
सम
कर्क
जल
पूर्ण जल
सम
सिंह
अग्नि
निर्जल
दीर्घ
कन्या
पृथ्वी
निर्जल
दीर्घ
तुला
वायु
पाद जल
दीर्घ
वृश्चिक
जल
पाद जल
सम
धनु
अग्नि
अर्ध  जल
सम
मकर
पृथ्वी
पूर्ण जल
हृश्व
कुम्भ
वायु
अर्ध जल
हृश्व
मीन
जल
पूर्ण जल
हृश्व

                        
यदि लग्न में जलराशि (कर्क ,वृश्चिक , मीन) और जल ग्रह ( चन्द्र ,बुध , गुरु , शुक्र ) हो तो जातक मोटा होता है .
इसी प्रकार लग्न व् लग्नेश जल राशिगत हो तो तो शरीर मोटा होता है. यदि इसे शुभ ग्रह देख रहे वहो तो शरीर पुष्ट होता है .
यदि लग्न में अग्नि राशि ( मेष , सिंह , धनु ) और अग्नि ग्रह (सूर्य , मंगल) हो तो शरीर दुर्बल पर बलशाली होता है.

ग्रह
प्रकृति
तत्त्व
कद
सूर्य
शुष्क
अग्नि
सम
चन्द्र
जल
जल
दीर्घ
मंगल
शुष्क
अग्नि
हृश्व
बुध
जल
पृथ्वी
सम
गुरु
जल
वायु
मध्यम
शुक्र
जल
जल
मध्यम
शनि
शुष्क
वायु
दीर्घ

इसी प्रकारअग्नि और वायु राशि लग्न में हो लग्नेश पृथ्वी राशि में हो तो शरीर ठोस , पुष्ट , मजबूत अस्थियो वाला होता है .
अग्नि व् वायु राशि लग्न में और लग्नेस्ज जल राशि में हो तो शरीर मोटा होता है यदि वायु लग्न और वायु ग्रह हो तो शरीर दुर्बल पर ब्रेन तेज़ होता है.
यदि लग्न में पृथ्वी रासी व् ग्रह हो तो नाटा जातक होगा .
लग्न में पृथ्वी राशि और लग्नेश पृथ्वी राशि में हो तो जातक मोटा व् मजबूत होगा .

 लग्न में पृथ्वी राशि व् लग्नेश जल राशि में तो स्थूल  होगा 

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